नैनीताल जिले में आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या पर आखिरकार प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। बीते दिनों सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी द्वारा जिलाधिकारी को भेजी गई शिकायत के बाद पशुपालन विभाग ने दौलिया ग्राम सभा में कुछ पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चालान काटे और चेतावनी दी। हालांकि यह कदम सराहनीय है, पर क्या यह समस्या की जड़ तक पहुंच पा रहा है?
एक सीमित कार्रवाई, व्यापक समाधान की दरकार
4000 रुपये के कुछ चालान काटना और चेतावनी देना प्रशासन की एक शुरुआती पहल जरूर है, लेकिन वास्तविकता यह है कि बेसहारा पशुओं की समस्या लंबे समय से पूरे उत्तराखंड में विकराल रूप ले चुकी है। आए दिन सड़कों पर दुर्घटनाएं, किसानों की फसलें बर्बाद, और ट्रैफिक अवरोध जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। ऐसे में सिर्फ चालान से क्या यह समस्या सुलझ पाएगी?
ज़िम्मेदार कौन – सिर्फ पशुपालक?
प्रशासन की कार्रवाई में मुख्य रूप से पशुपालकों को ही दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि इस समस्या की ज़िम्मेदारी सरकारी सिस्टम पर भी जाती है। वर्षों से गौशालाओं की संख्या अपर्याप्त है, जो हैं भी वे बदहाल स्थिति में हैं। पशुपालन विभाग के पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं, न ही निगरानी का मजबूत तंत्र। ऐसे में सवाल उठता है — क्या प्रशासन सिर्फ लक्षणों का इलाज कर रहा है, बीमारी का नहीं?
मुआवज़े की मांग – क्या सरकार सुनेगी?
सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी की मांग कि बेसहारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं को सरकारी दुर्घटना घोषित किया जाए और पीड़ितों को मुआवज़ा दिया जाए, पूरी तरह से जायज़ है। लेकिन इस पर भी सरकार की चुप्पी चिंताजनक है। जब तक सरकार स्पष्ट मुआवज़ा नीति नहीं बनाती, तब तक आम जनता की पीड़ा अनसुनी ही रहेगी।
जरूरत है नीति नहीं, नियत की
यह मामला सिर्फ जुर्माना लगाने भर का नहीं है, बल्कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और दीर्घकालिक नीति निर्माण का है। एक ओर जहां सरकार गौ-संरक्षण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर बेसहारा घूमते पशु सरकार की कथनी और करनी का अंतर दिखाते हैं।
इसलिए सवाल वही है — क्या कुछ चालानों से उत्तराखंड की सड़कों से गायब होंगे आवारा पशु? या फिर यह कार्रवाई महज एक दिखावा बनकर रह जाएगी?
अब समय है कि सरकार और प्रशासन दोनों ही इस मुद्दे को सिर्फ कार्रवाई तक सीमित न रखें, बल्कि स्थायी समाधान की दिशा में ठोस योजना और संसाधनों के साथ आगे बढ़ें।
पहाड़पन की खबरें आपको कैसी लगती हैं? हमें व्हाट्सएप पर अवश्य साझा कीजिए!
📞 +917409347010
Leave a Reply