पहाड़पन संवाददाता | नैनीताल
उत्तराखंड में इस समय मानसून का प्रकोप अपने चरम पर है। तेज़ बारिश, भूस्खलन और आपदा की लगातार घटनाओं के बीच 24 और 28 जुलाई को पंचायत चुनाव कराए जाने की घोषणा ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। इसको लेकर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (SDC) के संस्थापक अनुप नौटियाल ने चुनाव स्थगित करने की मांग की है।
अनुप नौटियाल ने बताया कि केवल जून महीने में राज्य में सामान्य से 36% अधिक वर्षा दर्ज की गई, और जून के अंतिम सप्ताह में तो यह आंकड़ा 96% अधिक रहा। वहीं, 1 से 28 जून के बीच आपदा और सड़क दुर्घटनाओं में 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 103% अधिक है।
नौटियाल ने कहा, “जुलाई उत्तराखंड का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है। इस दौरान भारी बारिश से भूस्खलन, बाढ़, सड़कों के बाधित होने और अन्य आपदाएं आम बात हैं। ऐसे में लाखों लोगों को मतदान के लिए बाहर निकलने के लिए मजबूर करना तथा 80,000 से 1 लाख सरकारी कर्मचारियों को संवेदनशील इलाकों में ड्यूटी पर लगाना, एक गंभीर जोखिम भरा कदम होगा।”
इस मुद्दे को लेकर 4 जुलाई को एक 32 पन्नों की अपील उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर की गई है, जिसमें निवेदन किया गया है कि पंचायत चुनावों को सितंबर अंत या अक्टूबर-नवंबर तक स्थगित किया जाए। अनुप नौटियाल ने कहा, “यह अपील पूरी तरह मानवीय आधार पर है, जिसका उद्देश्य चुनाव से ऊपर मानव जीवन की रक्षा करना है।”
उन्होंने विश्वास जताया कि माननीय उच्च न्यायालय इस विषय पर संवेदनशीलता से विचार करेगा और राज्य सरकार को तर्कसंगत निर्णय लेने हेतु निर्देशित करेगा।
उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति और वर्तमान आपदा के हालात को देखते हुए यह मांग ना केवल जायज़ है, बल्कि जनहित में अत्यंत आवश्यक भी।
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