“नैनीताल का चर्चित मासूम हत्याकांड: पुलिस की सटीक रणनीति से सनसनीखेज खुलासा”

नैनीताल: नैनीताल पुलिस ने मात्र पांच दिनों के भीतर 10 वर्षीय मासूम के बेरहमी से किए गए कत्ल का पर्दाफाश कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। SSP प्रहलाद नारायण मीणा की सटीक रणनीति और पुलिस टीम की अथक मेहनत से यह कठिन केस सुलझाया गया। IG कुमाऊं ने पुलिस टीम को ₹5,000 और SSP नैनीताल ने ₹2,500 के इनाम से पुरस्कृत किया।

 

घटना और जांच की शुरुआत

4 अगस्त 2025 को गौलापार, काठगोदाम निवासी खूबकरन मौर्य ने अपने 10 वर्षीय बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। घटना की गंभीरता को देखते हुए SSP मीणा ने तीन अलग-अलग सर्च टीमें गठित कीं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और एफएसएल टीम की मदद से सघन तलाश शुरू की।

 

वारदात का खुलासा

5 अगस्त को बच्चे का शव आरोपित मोहन चंद्र जोशी के बाड़े में प्लास्टिक के कट्टे में दबा मिला, जिसमें सिर और दाहिना हाथ गायब थे। जांच में सामने आया कि आरोपित निखिल जोशी पुलिस को लगातार गुमराह कर रहा था। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए मनोचिकित्सक डॉ. युवराज पंत की मदद भी ली गई।

 

गिरफ्तारी और बरामदगी

9 अगस्त को गहन पूछताछ में निखिल जोशी ने अपराध कबूल किया और बताया कि उसने घिनौनी मंशा से बच्चे को अपने साथ लाया, विरोध करने पर गला दबाकर हत्या कर दी और सिर व हाथ काटकर छिपा दिए। उसकी निशानदेही पर गोठ से सिर, हाथ और बच्चे की चप्पल बरामद हुई।

 

अपराध का स्वरूप

आरोपित ने वारदात को छुपाने के लिए शव को घर में दफना दिया। यह कृत्य न केवल क्रूरता की चरम सीमा था, बल्कि समाज को झकझोर देने वाला भी है।

सम्मानित पुलिस टीमें

इस केस के सफल खुलासे में तीन सर्च टीमों, सर्विलांस टीम, फॉरेंसिक विशेषज्ञों, डॉग स्क्वॉड और मीडिया सेल की अहम भूमिका रही, जिनका नाम SSP नैनीताल द्वारा सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया।

 

नैनीताल पुलिस ने एक बार फिर साबित किया है कि संगठित प्रयास, सटीक रणनीति और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से सबसे कठिन अपराधों का भी समय पर खुलासा संभव है।

 

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