धान रोपाई पर राजनीति गर्मायी: हरदा के तंज पर भट्ट का करारा जवाब

(रिपोर्ट: संवाददाता, देहरादून)

देहरादून | 9 जुलाई 2025

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खेत में धान रोपाई करने का वीडियो अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए इसे दिखावा करार दिया है। वहीं भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तीखा पलटवार किया है।

 

हरीश रावत का तंज

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,

“मुख्यमंत्री जी, पटेला लगाने का आर्ट और खेत में बैलों की रस्सी कब, कहां, कितनी खींचनी है — यह तो याद रहा, पर निष्क्रिय मंत्रियों और रूपये कमाने में व्यस्त ब्यूरोक्रेसी की रस्सी कब और कैसे खींचनी है, वह भूल गए। इसी कारण राज्य का विकास पटरी से उतर रहा है।”

रावत ने धामी सरकार को निष्प्रयोज, नासमझ और दिशाहीन बताते हुए राज्य की जनकल्याण योजनाओं पर सवाल उठाए।

 

भट्ट का पलटवार

कांग्रेस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खेती से जुड़ाव कोई नया नहीं है, बल्कि वह खुद बचपन से खेत जोतते आ रहे हैं।

भट्ट ने कहा, “हमारी सरकार में कुछ भी दिखावा नहीं है, यह सब वास्तविकता है। धामी जी के पूर्वज भी किसान थे और आज भी वे जमीन से जुड़े हैं। जो लोग किसानों के नाम पर राजनीति करते हैं, उन्हें यह सच्चाई असहज करती है।”

 

ब्यूरोक्रेसी पर उठे सवालों का जवाब

भट्ट ने कहा कि कांग्रेस ब्यूरोक्रेसी को दोष देती है, जबकि राज्य के खजाने को भरने में सबसे अहम योगदान ब्यूरोक्रेसी का ही है। उन्होंने कहा,

“खनन, आबकारी और GST संग्रह में वृद्धि कर राज्य की आय बढ़ी है। 24 हजार सरकारी नौकरियों के माध्यम से बेरोजगारों को राहत दी गई है।”

उन्होंने बताया कि सरकार ने 40 से अधिक नई नीतियां बनाकर पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग और कृषि क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।

 

महिलाओं और आंदोलनकारियों को लाभ

भट्ट ने कहा कि राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण और राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देकर सरकार ने उनके सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कठोर भू-कानून लागू कर जमीनों की अनियंत्रित खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण किया गया है।

कांग्रेस को सोच बदलने की नसीहत

अपने बयान के अंत में भट्ट ने कहा, “राज्य के विकास में ब्यूरोक्रेसी की भूमिका को नकारना अपनी विफलताओं को छुपाने जैसा है। कांग्रेस को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा, वरना जनता उन्हें लगातार नकारती रहेगी।”

 

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