देहरादून, 3 सितम्बर।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ महिला कांग्रेस का गुस्सा मंगलवार को सड़कों पर दिखाई दिया। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बलबीर रोड स्थित भाजपा मुख्यालय का घेराव किया और गोबर व गोमूत्र से प्रतीकात्मक शुद्धिकरण किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई, कई महिला कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गईं और सड़क पर बैठकर धरने पर डट गईं। पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
महिला कांग्रेस ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड
प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस ने NARI 2025 रिपोर्ट और NCRB 2022 के आंकड़े साझा किए। इनके अनुसार:
देहरादून देश के 10 असुरक्षित शहरों में शामिल।
सुरक्षा स्कोर: 60.6% (राष्ट्रीय औसत 64.6%)।
दिन में सुरक्षित महसूस करने वाली महिलाएँ: 70%, रात में केवल 44%।
सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न झेलने वाली महिलाएँ: 50%।
पुलिस पर भरोसा करने वाली महिलाएँ: सिर्फ 25%।
2022 में उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ 4,337 मामले दर्ज।
इनमें 867 बलात्कार और 637 बाल यौन शोषण (POCSO) के मामले शामिल।
यह आंकड़ा 2021 की तुलना में 907 मामले अधिक है।
नेताओं के तीखे बयान
प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा, “जब बेटियाँ असुरक्षित हैं और भाजपा सरकार आँकड़े छिपाकर पीठ थपथपा रही है, तब हमें यह प्रतीकात्मक शुद्धिकरण करना पड़ा। महिलाएँ दिन में कुछ हद तक सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन रात में हालात और खराब हो जाते हैं। 50% महिलाएँ सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न झेल चुकी हैं और केवल 25% ही पुलिस पर भरोसा करती हैं। यह स्थिति बेहद गंभीर है।”
पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा, “भाजपा सरकार महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है। आये दिन दुष्कर्म और उत्पीड़न की घटनाओं में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम सामने आते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री धामी केवल अपनी वाहवाही लूटने में व्यस्त रहते हैं।”
पूर्व विधायक रंजीत रावत ने आरोप लगाया कि, “महिला उत्पीड़न के कई मामलों में भाजपा नेताओं की संलिप्तता सामने आई है, लेकिन सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है।”
वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा, “भाजपा का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारा अब खोखला साबित हो चुका है। आज महिलाएँ त्रस्त हैं और भाजपा नेता मस्त हैं।”
पुलिस से भिड़ंत और हंगामा
कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह नेहरू कॉलोनी स्थित एलआईसी चौक पर जुटे और हाथों में गोबर से भरी हांडी लेकर भाजपा कार्यालय की ओर बढ़े। जैसे ही जुलूस बलबीर रोड की तरफ बढ़ा, पुलिस ने समर वैली स्कूल के पास बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। लेकिन महिला कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गईं और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कई कार्यकर्ता सड़क पर बैठकर धरने पर डट गईं, जिससे घंटों तक अफरा-तफरी का माहौल रहा और ट्रैफिक भी बाधित हुआ।
हंगामे के बीच पुलिस ने ज्योति रौतेला, हरक सिंह रावत, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा समेत कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।
बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता शामिल
इस विरोध प्रदर्शन में महिला कांग्रेस की बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुईं। साथ ही पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, पूर्व विधायक रंजीत रावत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, नजमा खान, यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष बंटू, पार्षद रॉबिन त्यागी, चंद्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, निधि नेगी, सुशीला शर्मा, इशिता सेडा, डीएवी अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, पायल बहल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
आंदोलन जारी रखने का ऐलान
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि जब तक प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोक नहीं लगेगी और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं होगी, तब तक उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
उत्तराखंड में इस विरोध प्रदर्शन के बाद सियासी माहौल गरमा गया है और कांग्रेस ने महिलाओं की सुरक्षा को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है।
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