देहरादून।
राजधानी देहरादून स्थित राजपुर रोड का चर्चित पिरामिड बार एक बार फिर विवादों में है। बार के मालिक ईशान शर्मा और राम शर्मा के खिलाफ उनके बाउंसरों के साथ मिलकर तीन भाइयों और उनके दोस्तों से मारपीट करने का मामला दर्ज हुआ है। पीड़ित पक्ष की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर राजपुर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
रेसकोर्स निवासी तरुण वासन ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 23 अगस्त की रात वह अपने भाइयों सिद्धार्थ और वरुण व अन्य दोस्तों के साथ एक कार्यक्रम से लौट रहे थे। इस दौरान वह अपना वाहन पिरामिड लेन स्थित निजी प्लॉट पर पार्क करने के लिए जा रहे थे। आरोप है कि बार के सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसरों ने उन्हें गली में वाहन ले जाने से रोक दिया।
शिकायतकर्ता के अनुसार जब उन्होंने गार्ड और बाउंसरों को बताया कि गली में उनका अपना प्लॉट है, तब भी उन्हें रास्ता नहीं दिया गया और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा गया कि “सुबह रजिस्ट्री लाकर दिखाना।” इसी बीच पिरामिड बार मालिक ईशान शर्मा और राम शर्मा मौके पर आ गए। शिकायत में दर्ज है कि आरोपियों ने अपने बाउंसरों को वासन और उनके भाइयों को सबक सिखाने के लिए कहा, जिसके बाद सड़क पर मारपीट की गई।
बार परिसर में घसीटकर की पिटाई
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि सड़क पर मारपीट करने के बाद उन्हें जबरन घसीटकर पिरामिड बार परिसर के अंदर ले जाया गया और दरवाजे बंद कर वहां भी पिटाई की गई। मारपीट के दौरान शिकायतकर्ता का एक दांत टूट गया और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। पीड़ितों ने उपचार के बाद पुलिस को बयान दिया, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस का पक्ष
राजपुर थाना प्रभारी शैंकी कुमार ने बताया कि पीड़ित तरुण वासन की शिकायत पर बार मालिक ईशान शर्मा, राम शर्मा सहित उनके बाउंसरों और सिक्योरिटी गार्ड्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी विवादों में रहा है पिरामिड बार
गौरतलब है कि पिरामिड बार का विवादों से पुराना नाता रहा है। कुछ महीने पहले इसी बार में कार्यरत पहाड़ी युवकों का वेतन दिलाने पहुंचे उक्रांद के केंद्रीय उपाध्यक्ष आशुतोष नेगी और युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष आशीष नेगी को फर्जी रंगदारी के मामले में फंसा कर जेल भेजा गया था। उस समय दोनों नेताओं ने आरोप लगाया था कि बार प्रबंधन न केवल कर्मचारियों का वेतन रोकता है, बल्कि पहाड़ी गाना बजवाने की मांग करने वाले ग्राहकों से भी बाउंसरों के जरिए दुर्व्यवहार और मारपीट करवाता है।
उक्रांद ने अपनाया कड़ा रुख
ताज़ा घटना पर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने कड़ा रुख अपनाया है। दल के नेताओं ने स्पष्ट किया है कि पिरामिड बार हमेशा से ही मारपीट और शोषण के लिए बदनाम रहा है। ऐसे में पीड़ित परिवार के साथ दल हर स्तर पर खड़ा रहेगा और उन्हें न्याय दिलाने की हर संभव लड़ाई लड़ी जाएगी।
बढ़ रहे सवाल
इस नई घटना ने एक बार फिर पिरामिड बार की कार्यप्रणाली और उसके मालिकों की प्रवृत्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बार लगातार विवादों में रहता है और यहां कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं।
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