नई दिल्ली,3 फरवरी 2025 – सहकारिता क्षेत्र में एक बड़ा विस्तार हुआ है। राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, 15 फरवरी 2023 से लेकर 13 फरवरी 2025 तक देश में कुल 13,364 नई बहुउद्देशीय प्राथमिक सहकारी समितियाँ (MPACS) गठित की गई हैं। इनमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS), लार्ज एरिया मल्टीपर्पस को-ऑपरेटिव सोसाइटीज (LAMPS) और फार्मर्स सर्विस सोसाइटीज (FSS) भी शामिल हैं।
सहकारिता से समृद्धि की ओर कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए अनेक पहल की हैं। इसी दिशा में, केंद्र सरकार ने देशभर में किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के हित में एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया और “सहकार से समृद्धि” का मंत्र दिया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा,
“सहकारिता आंदोलन को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया। इससे किसानों, मत्स्यपालकों और डेयरी क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। हमारा लक्ष्य है कि देश के हर गाँव तक PACS और अन्य सहकारी समितियाँ पहुँचें, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिले।”
महत्वपूर्ण बिंदु:
13,364 नई MPACS समितियों का गठन
PACS, LAMPS और FSS समितियों को भी किया गया शामिल
सहकारिता मंत्रालय ने समितियों को डिजिटल बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई सुधार किए
सहकारी समितियाँ कृषि, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं
सरकार की पहल और लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर गाँव तक सहकारी समितियों की पहुँच हो और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया जाए। डिजिटलाइजेशन और “सहकार से समृद्धि” विजन के तहत सहकारी समितियों को तकनीकी रूप से उन्नत किया जा रहा है।
यह उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 (IYC 2025) की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देश में सहकारिता आंदोलन को और गति मिलेगी।
(रिपोर्ट: प्रेस सूचना ब्यूरो, भारत सरकार)
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