देहरादून/बागेश्वर।
उत्तराखंड सरकार जल जीवन मिशन के अंतर्गत 14.49 लाख घरों में नल से जल पहुंचाने का दावा कर रही है, जिसमें से अब केवल 35,000 घर ही शेष बताए जा रहे हैं। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार बागेश्वर ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि देहरादून, चंपावत, टिहरी जैसे जिलों में 99% कार्य पूर्ण होने का दावा है।
वहीं दूसरी ओर, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से जल जीवन मिशन में भारी भ्रष्टाचार और जल संकट की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति और उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने बताया कि उन्हें हजारों ग्रामीणों से संदेश प्राप्त हुए हैं जिनमें लोगों ने जल संकट और योजनाओं की विफलता की बात कही है।
इन शिकायतों को लेकर 19 मई को देहरादून में जल निगम कार्यालय का घेराव प्रस्तावित था, लेकिन आम लोगों के आग्रह पर इस प्रदर्शन को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया है। प्रदर्शन में व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिए नई तिथि की घोषणा जल्द की जाएगी।
डिमरी ने बताया कि यह आंदोलन “जनता की आवाज़” है और आने वाले दिनों में और अधिक तीव्र और बड़े स्तर पर प्रदर्शन होगा। आम लोगों से वीडियो संदेश भेजने का आग्रह किया गया है, जिनमें से कई को मीडिया और प्रशासन के पास भेजा गया है।
अब सवाल यह है कि जब सरकारी आंकड़ों में काम लगभग पूरा हो चुका है, तो फिर राज्य के सैकड़ों गांव जल संकट से क्यों जूझ रहे हैं?
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