“जब तक हिमालय खड़ा है, तब तक गूंजेंगे नेगी जी के गीत – 76वें जन्मदिन पर उन्हें स्नेह और श्रद्धा”

आज है गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी का 76वां जन्मदिन

उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और लोकसंगीत को नई पहचान दिलाने वाले, अपनी आवाज़ और शब्दों से पहाड़ की आत्मा को स्वर देने वाले गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी का आज 76वां जन्मदिन है।

नेगी जी का जन्म 12 अगस्त 1949 को पौड़ी गढ़वाल जिले के पाळी गाँव में हुआ था। बचपन से ही संगीत के प्रति उनका रुझान था और उन्होंने बिना किसी औपचारिक संगीत शिक्षा के अपनी अनूठी शैली विकसित की।

 

पिछले पाँच दशकों से अधिक समय तक उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज, संघर्ष, प्रेम, विरह, राजनीति और समाज की गहरी सच्चाइयों को दुनिया के सामने रखा। उनके लिखे और गाए गीत सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि पहाड़ के जीवन का जीवंत दस्तावेज़ हैं।

 

“नंदा देवी राजजात” जैसे भव्य सांस्कृतिक आयोजनों के लिए रचे अमर गीतों तक, नेगी जी ने हर बार यह साबित किया कि पहाड़ की मिट्टी में बसा संगीत कितना गहरा और आत्मीय हो सकता है। उनकी रचनाओं में जहाँ एक ओर पहाड़ी जीवन की खुशबू है, वहीं दूसरी ओर समाज की समस्याओं और जनभावनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति भी है।

 

नेगी जी को उनकी अद्वितीय कला और सांस्कृतिक योगदान के लिए गढ़रत्न, उत्तराखंड गौरव सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान हमेशा अपने श्रोताओं का प्रेम और आशीर्वाद रहा।

 

आज उनके 76वें जन्मदिन पर, पूरा उत्तराखंड और दुनिया भर में बसे उत्तराखंडी उन्हें याद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके गीत, तस्वीरें और किस्से साझा किए जा रहे हैं, और हर कोई इस सांस्कृतिक धरोहर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।

 

नेगी जी का योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा। उन्होंने यह साबित किया कि संगीत सिर्फ स्वर और लय का संगम नहीं, बल्कि संस्कृति, पहचान और समाज की आत्मा का आईना भी है।

 

पहाड़पन न्यूज़ परिवार की ओर से गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी के जन्मदिन पर श्रद्धा, प्रेम और नमन।

 

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