जनता की आवाज़ उठाना गलत या गुनाह? कीर्तिनगर में एक सवाल खड़ा हुआ है

कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल – उत्तराखंड में अफसरशाही और आमजन के बीच बढ़ती दूरी को लेकर हाल ही में एक मामला चर्चा में आया है। यह मामला कीर्तिनगर उपजिलाधिकारी कार्यालय से जुड़ा है, जहां एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा उठाई गई समस्या को लेकर अधिकारियों की प्रतिक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

 

जानकारी के अनुसार, सामाजिक विषयों पर सक्रिय रहने वाले धर्मेंद्र रावत ने कीर्तिनगर की उपजिलाधिकारी (SDM) नीलू चावला से एक बुजुर्ग महिला की समस्या के संबंध में संपर्क साधने की कोशिश की। कई बार कॉल करने पर भी जब प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने एक शिष्ट टेक्स्ट मैसेज भेजा जिसमें अफसर से जवाबदेही की अपेक्षा जताई गई थी।

 

मैसेज में उन्होंने लिखा—

“आपसे निरंतर संपर्क करने की कोशिशों के बावजूद आपका फोन न उठाना यह दर्शाता है कि जनता के प्रति आप जवाबदेही नहीं महसूस कर रही हैं। यदि यही रुख जारी रहा, तो हम मामला उच्च अधिकारियों तक ले जायेंगे।”

 

इस संदेश के बाद कथित तौर पर SDM द्वारा पुलिस को सूचित किया गया, और अब कोतवाल कीर्तिनगर की ओर से यह कहा जा रहा है कि धर्मेंद्र रावत के खिलाफ धमकी देने का आरोप है, और एफआईआर तथा गिरफ्तारी की प्रक्रिया हो सकती है।

 

यह मामला कुछ अहम सवाल खड़े करता है:

क्या किसी अधिकारी को समस्या बताने के लिए फोन करना या मैसेज भेजना अवमानना या धमकी माना जा सकता है?

 

क्या संवादहीनता और गलतफहमी को बातचीत से नहीं सुलझाया जा सकता?

 

और क्या आम नागरिक की ओर से की गई एक टिप्पणी को दंडनीय अपराध मान लेना लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुकूल है?

 

 

कानूनी जानकारों की राय है कि 7 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी से पहले कई स्तरों की जांच और प्रक्रिया जरूरी होती है।

 

जरूरी है संतुलन

एक ओर जहां अफसरों की गरिमा और सुरक्षा जरूरी है, वहीं जनता की समस्याओं को सुनना, संवाद करना और जवाबदेही निभाना भी उतना ही ज़रूरी है। संवाद और विश्वास लोकतंत्र की बुनियाद है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसे मामलों को सिर्फ कानूनी दायरे में नहीं, बल्कि संवेदनशीलता के साथ देखें, ताकि न तो अफसरों का सम्मान घटे और न ही जनता की आवाज़ दबे।

 

पहाड़पन की खबरें आपको कैसी लगती हैं? हमें व्हाट्सएप पर अवश्य साझा कीजिए!

📞 +917409347010

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!