चोपता (उत्तराखंड)। विश्वप्रसिद्ध तुंगनाथ मंदिर के आधार शिविर चोपता में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव और मूल निवासी-भूमि कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने हाल ही में चोपता का दौरा कर वहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जर्जर स्थिति को उजागर किया।
डिमरी ने बताया कि यह स्वास्थ्य केंद्र एक खस्ताहाल कमरे में संचालित हो रहा है, जिसकी हालत इतनी खराब है कि वह कभी भी ढह सकता है। उन्होंने स्थानीय निवासियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और पाया कि केंद्र में न तो पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं हैं, न ही कोई प्रशिक्षित स्टाफ या आपातकालीन उपकरण।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चोपता, जहां हर साल हजारों तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं, वहां वर्षों से एक बेहतर स्वास्थ्य केंद्र की मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस अनदेखी के कारण न केवल स्थानीय लोग बल्कि आगंतुक भी इलाज के लिए घंटों दूर का सफर करने को मजबूर हैं।

( जर्जर हालात में चोपता स्वास्थ्य केंद्र )
मोहित डिमरी ने इस स्थिति को “बेहद चिंताजनक” बताते हुए सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि चोपता जैसे संवेदनशील और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र में तुरंत एक आधुनिक, सुसज्जित और आपातकालीन सेवाओं से युक्त स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना केवल स्थानीय निवासियों की जरूरत नहीं, बल्कि राज्य के पर्यटन विकास के लिए भी अनिवार्य है।
डिमरी ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो जनता को साथ लेकर व्यापक जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
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