चमोली। पहाड़ों पर आसमान से बरस रही आफत ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सीमांत ज्योतिर्मठ से लेकर नंदानगर तक मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। कहीं बिजली व्यवस्था ठप हो गई है तो कहीं सड़कें और पुल बह गए हैं। भूधंसाव से बाजार और घर खतरे की जद में आ गए हैं, जिससे लोग दहशत में रातें गुजारने को मजबूर हैं।
ज्योतिर्मठ अंधेरे में डूबा
ज्योतिर्मठ क्षेत्र देर रात से अंधेरे में डूबा हुआ है। कर्णप्रयाग-चमोली मार्ग पर 66 केवी पिटकुल लाइन और बिरही गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट की 33 केवी लाइन टूट जाने से पूरे ब्लॉक की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। बिजली न होने से लोगों को मोबाइल चार्ज करने से लेकर जरूरी उपकरण चलाने तक में दिक्कत हो रही है। वहीं, बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जोशीमठ के पास भनेड़पानी और पागलनाला में मलबा आने से अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन लगातार मार्ग खोलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बारिश के चलते दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं।
नीति-मलारी घाटी का संपर्क टूटा
तमक नाले का पुल बह जाने से नीति-मलारी घाटी का संपर्क पूरी तरह कट गया है। घाटी के कई ऋतु प्रवासी गांव और सीमांत क्षेत्र अलग-थलग हो गए हैं। यहां रह रहे ग्रामीणों के सामने खाद्यान्न और दवाइयों की आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया है। चरवाहों के झुंड भी अब बॉर्डर रोड तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
नंदानगर में भूधंसाव, 34 परिवार विस्थापित
नंदानगर में भूधंसाव ने लोगों की नींद उड़ा दी है। बैंड बाजार क्षेत्र के पलपाणी तोक में धंसाव से एक मकान और चार गोशालाएं ध्वस्त हो गईं, जबकि खेतों में गहरी दरारें पड़ गई हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने 34 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है। कुछ को बारात घरों में ठहराया गया है तो कुछ परिवार अपने गांव लौट गए या किराए के मकान तलाश चुके हैं।
स्थायी समाधान की मांग
बैंड बाजार की स्थिति बेहद चिंताजनक है। करीब 25 दुकानें खतरे की जद में हैं। व्यापारियों का कहना है कि बारिश जारी रही तो पूरा बाजार मलबे में समा सकता है। नंदानगर में प्रभावित परिवार अस्थायी शिविरों में ठहरे हुए हैं और प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
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