गैरसैंण।
प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी कहे जाने वाले गैरसैंण के उपजिला अस्पताल में उपचार के अभाव में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान सुशीला देवी के रूप में हुई है। परिजनों का आरोप है कि समय पर उचित उपचार और सुविधा न मिलने के कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
यह घटना एक बार फिर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल बाद भी पहाड़ के लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध न होना चिंता का विषय है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं और आपातकालीन स्थिति में उपचार की कमी से लगातार हादसे हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल एक महिला की मौत नहीं है, बल्कि प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की असफलता है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की कि पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों को सुविधाओं से लैस किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों।
मृतका के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि अब यह लड़ाई स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में तेज होगी।
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