“गढ़वाली भाषा दिवस : हमारी पहचान और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव”

देहरादून, 2 सितंबर।

आज पूरे उत्तराखंड में गढ़वाली भाषा दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस गढ़वाली भाषा के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से मनाया जाता है। गढ़वाली केवल बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत की पहचान है।

 

गढ़वाली भाषा दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें गढ़वाली लोकगीत, कविताएं, नाटक और पारंपरिक वेशभूषा के माध्यम से भाषा और संस्कृति को जीवंत किया जा रहा है।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि आज के समय में युवाओं का अपनी भाषा की ओर कम झुकाव चिंता का विषय है। ऐसे में इस दिवस का मुख्य उद्देश्य युवाओं में अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान और गर्व की भावना जागृत करना है।

 

गढ़वाली भाषा के संरक्षण के लिए समय-समय पर कई संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता प्रयासरत रहते हैं। लेकिन इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी हर परिवार और हर व्यक्ति की है कि वे अपने बच्चों को गढ़वाली बोलने और समझने के लिए प्रेरित करें।

 

पहाड़पन न्यूज़ की ओर से सभी पाठकों को गढ़वाली भाषा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आइए, हम सब मिलकर अपनी भाषा और संस्कृति को संजोने का संकल्प लें।

 

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