बेतालघाट (नैनीताल): उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बेतालघाट तहसील मुख्यालय के सामने कोसी नदी पर कुमाऊं निगम का सरकारी पट्टा स्वीकृत हुआ है, जिसके तहत खनन कार्य शुरू कर दिया गया है। इस खनन से स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है, क्योंकि इसका सीधा असर उनके घरों और पर्यावरण पर पड़ रहा है।
ग्राम जावा के ग्रामीणों के अनुसार, खनन कार्य के चलते उनके मकानों में दरारें आ गई हैं, जिससे उनका रहना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण राजेंद्र सिंह का कहना है कि इस खनन से भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। ग्रामीणों ने कई बार कुमाऊं निगम और जिला प्रशासन से इस समस्या की शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन के आश्वासन से असंतुष्ट ग्रामीण
कुमाऊं निगम के अधिकारियों का कहना है कि खनन कार्य पूरी तरह से नियमों के तहत किया जा रहा है और ग्रामीणों की शिकायतों पर ध्यान दिया जा रहा है। उनका दावा है कि मकानों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं और अब तक उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाला गया।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही खनन कार्य नहीं रोका गया और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
पर्यावरण को भी हो रहा नुकसान
स्थानीय लोगों के अनुसार, कोसी नदी पर जारी खनन से पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। खनन के कारण नदी का जलस्तर प्रभावित हो रहा है, पानी दूषित हो रहा है, और जलीय जीवन खतरे में पड़ गया है। ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि खनन कार्य को तत्काल बंद किया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाए।
सरकार से कार्रवाई की अपील
पहाड़ के लोगों की आवाज़ ‘पहाड़पन’ इस खबर के माध्यम से प्रशासन और सरकार से अपील करता है कि वे इस मामले में तत्काल संज्ञान लें और प्रभावित ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें। यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे बड़ी सामाजिक और पर्यावरणीय समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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