रिपोर्ट:-आयुष रावत
एक तरफ आज नौ नवंबर 2024 को उत्तराखंड अपने 25 वे वर्ष में पहुँच चुका है, और दूसरी तरफ राज्य के बनने के 24 वर्षो के बाद भी उत्तराखंड की स्थिति में कोई खास बदलाव नही है !!
टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर ब्लॉक के नौडू गांव की स्थिति बेहद दयनीय है। सड़क की सुविधा नहीं होने के कारण एक महिला को प्रसव के दौरान जंगल में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 में गांव के लिए सड़क निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन दो साल बाद भी यह वादा अधूरा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क न होने से यहां एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती, और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।टिहरी गढ़वाल जिले के नौडू गांव की नीलम भंडारी को प्रसव पीड़ा होने पर गांव की महिलाएं उसे सड़क तक ले जाने की कोशिश कर रही थीं। लंबधार के पास, सड़क से लगभग पांच किलोमीटर पहले, जंगल में ही नीलम ने बच्चे को जन्म दिया। गनीमत यह रही कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क न होने से हर बार गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को इलाज के लिए कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस बार 108 एम्बुलेंस को सूचना देने के बावजूद, सड़क सुविधा न होने के कारण एम्बुलेंस केवल काटल चौक तक ही आ सकी। गर्भवती नीलम को गांव की महिलाओं ने पल्ली में लिटाकर सड़क तक लाने का प्रयास किया, लेकिन जंगल में आधे रास्ते में ही प्रसव हो गया। ग्राम प्रधान सीमा देवी ने बताया कि पिछले दो सालों से सड़क की घोषणा के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है, जिससे ग्रामीणों में Uttarakhand सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है।गांव में लगभग 45 परिवार रहते हैं और सड़क से गांव की दूरी 12 किलोमीटर है। Uttarakhand के सीएम धामी की घोषणा के बाद लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2023 में सर्वे का कार्य शुरू किया था, लेकिन सड़क निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया। गांव के लोगों ने कहा कि अगर सड़क होती तो गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाना आसान होता। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का दंश झेलना पड़ रहा है।
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