नैनीताल, 9 जुलाई 2025
कुमाऊं मंडल में बढ़ते भूमि विवादों और फर्जी बिक्री मामलों पर नियंत्रण के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। मंडलायुक्त दीपक रावत की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के आधार पर अब भूमि खरीद से पूर्व संबंधित जमीन की पूर्व सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है।
बैठक में यह सामने आया कि बड़ी संख्या में ऐसी घटनाएं हो रही हैं जहां एक ही भूमि को दो बार बेचा जा रहा है, या विक्रेता अपने स्वामित्व से अधिक भूमि का विक्रय कर रहे हैं। इसके चलते आम नागरिक कानूनी जटिलताओं में उलझ रहे हैं और आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं।
प्रमुख समस्याएं जो सामने आईं:
एक ही भूमि का दोहराव के साथ विक्रय
बैनामा एक खसरे का, कब्जा किसी अन्य खसरे पर
भूमि का विक्रय वास्तविक स्वामित्व से अधिक
संपत्ति खरीदने वालों को स्वामित्व व विवादों की जानकारी न होना
इन स्थितियों को गंभीरता से लेते हुए समिति ने यह निर्णय लिया है कि कोई भी व्यक्ति भूमि खरीदने से पूर्व संबंधित तहसील में आवेदन देकर यह सुनिश्चित करेगा कि भूमि की वर्तमान स्थिति, स्वामित्व और किसी भी प्रकार के विवाद की जानकारी उसे पहले से प्राप्त हो जाए। यह सत्यापन प्रक्रिया अब हर ज़मीन की खरीद-फरोख्त से पहले अनिवार्य होगी।
सख्त आदेश और सार्वजनिक जागरूकता पर ज़ोर
मंडलायुक्त दीपक रावत ने इस निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए मंडल के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने आम जनता को निर्णयों की जानकारी देने और धोखाधड़ी से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने को भी कहा है।
प्रशासन का मानना है कि इस प्रणाली के लागू होने से न केवल आम जनता को ठगी से बचाया जा सकेगा, बल्कि भूमि खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास भी स्थापित होगा।
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