पौड़ी गढ़वाल जनपद के बीरोंखाल ब्लॉक अंतर्गत बैजरों से आगे स्थित जिवई गांव की ऊपरी सड़क पर बसे वीरगणा गांव ने लोकतंत्र, जागरूकता और सामाजिक समर्पण का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस शांत और सौंदर्य से सम्पन्न गांव के नागरिकों ने पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल यशपाल नेगी को निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनकर यह दर्शा दिया कि नेतृत्व का चुनाव अब जातिगत, वंशगत या राजनीतिक समीकरणों से नहीं, बल्कि सेवा, श्रम और दूरदृष्टि से तय होगा।
कर्नल यशपाल नेगी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती बीना नेगी सेवानिवृत्ति के पश्चात गांव लौटे और एक साधक की भांति खेतों, संस्कृति और समुदाय की सेवा में जुट गए। उन्होंने बंजर हो चुके खेतों को पुनर्जीवित किया, स्थानीय संसाधनों को सक्रिय किया और ग्रामीण चेतना को नई दिशा दी। आज उसी तप, समर्पण और निस्वार्थ भावना को गांववासियों ने सामाजिक नेतृत्व की मान्यता दी है।
यह निर्णय वीरगणा गांव की सामाजिक परिपक्वता और नवचेतना को रेखांकित करता है। यह संकेत है कि गांव केवल परंपराओं के संरक्षक नहीं, बल्कि बदलाव के अग्रदूत भी हो सकते हैं—यदि उन्हें सही दिशा देने वाला नेतृत्व उपलब्ध हो।
कर्नल नेगी का निर्विरोध चयन इस बात का प्रतीक है कि ग्रामीण भारत में भी गैर-राजनीतिक, निष्ठावान और दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता और स्वीकार्यता बढ़ रही है। वीरगणा अब उन प्रेरक गांवों की पंक्ति में शामिल होने की दिशा में अग्रसर है, जहां ज्ञान-विज्ञान, कृषि नवाचार, जल प्रबंधन और पारदर्शी प्रशासन का समावेश हो।
यह निर्णय उन लोगों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है, जो आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया जैसे साधनों का उपयोग केवल वैमनस्य और भ्रम फैलाने में कर रहे हैं। वीरगणा ने यह सिद्ध किया है कि जब समाज सच्चे कर्मयोगियों को पहचानता है, तो बदलाव की शुरुआत होती है—शांति से, संकल्प से और सामूहिक चेतना से।
‘पहाड़पन’ की ओर से कर्नल यशपाल नेगी, श्रीमती बीना नेगी और समस्त ग्रामवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
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