उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून लागू करने की मांग पर उमेश कुमार का बड़ा बयान

देहरादून | उत्तराखंड विधानसभा के सत्र के दौरान खानपुर विधायक उमेश कुमार ने राज्य में मूल निवास और भू कानून लागू करने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि इससे उत्तराखंड की भूमि संरक्षित होती है, तो इसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे को जनभावनाओं से जुड़ा बताते हुए कहा कि जब राज्य के नागरिकों का बहुमत मूल निवास नीति और सख्त भू कानून के पक्ष में है, तो सरकार को इसे लागू करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

 

उत्तराखंड में भू कानून की जरूरत

 

विधायक उमेश कुमार ने कहा कि बाहरी लोगों द्वारा उत्तराखंड की भूमि की खरीद-फरोख्त तेजी से बढ़ रही है, जिससे प्रदेश के मूल निवासियों के लिए भविष्य में जमीन का संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने मांग की कि सरकार को हिमाचल प्रदेश और अन्य पर्वतीय राज्यों की तर्ज पर भू कानून लागू करना चाहिए, जिससे राज्य की भूमि स्थानीय निवासियों के लिए संरक्षित रह सके।

 

उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की भूमि यहां के लोगों की धरोहर है। यदि भू कानून लागू करने से हमारी जमीनें सुरक्षित रह सकती हैं, तो इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए। अन्यथा आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की पहचान और संसाधनों पर बाहरी लोगों का कब्जा हो जाएगा।”

 

मूल निवास कानून को लेकर उमेश कुमार का रुख

मूल निवास को लेकर अपनी राय स्पष्ट करते हुए उमेश कुमार ने कहा कि यह सिर्फ एक कानूनी मसला नहीं, बल्कि उत्तराखंड की पहचान और यहां के मूल निवासियों के अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड के नागरिकों का बहुमत मूल निवास कानून लागू करने की मांग कर रहा है, तो सरकार को जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इसे जल्द लागू करना चाहिए।

 

उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के युवा, किसान, व्यापारी और आम नागरिक मूल निवास के पक्ष में हैं। जब बहुमत की मांग राज्य के हित में है, तो इसे लागू करने में देरी क्यों? सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।”

 

अपने ऊपर लगे मुकदमों को बताया झूठा प्रचार

उमेश कुमार ने अपने ऊपर लगे मुकदमों को लेकर भी खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि लोग बेवजह अफवाहें फैला रहे हैं और बिना पूरी जानकारी के उनके खिलाफ गलत खबरें फैलाई जा रही हैं।

 

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ जितने भी मुकदमे थे, वे उच्चतम एवं सर्वोच्च न्यायालय से खत्म हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ एक मामला लंबित है, और वह भी कानूनी प्रक्रिया के तहत चल रहा है।

 

उमेश कुमार ने बताया कि वे न्यायालय को पूर्व में जानकारी देकर ही दो दिन के लिए दुबई गए थे। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ झूठे प्रचार किए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि मेरे ऊपर कोई गंभीर मामला लंबित नहीं है।”

 

विधानसभा में उठेगी भू कानून और मूल निवास की गूंज

उमेश कुमार के इस बयान के बाद विधानसभा में भी भू कानून और मूल निवास पर चर्चा तेज होगी। राज्य के कई विधायकों और संगठनों ने इस मुद्दे पर अपने विचार रखे, जिससे साफ है कि आने वाले दिनों में यह उत्तराखंड की राजनीति का अहम विषय बन सकता है।

 

अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार उमेश कुमार की इस मांग पर क्या रुख अपनाती है। क्या उत्तराखंड में हिमाचल की तर्ज पर भू कानून लागू होगा? क्या मूल निवास को लेकर सरकार कोई ठोस नीति बनाएगी?

 

उत्तराखंड में उमेश कुमार के लिए कहा जाता है कि वह राजनीति में अच्छी पकड़ लगते हैं पूर्व में भी बहुत कई मुख्यमंत्री को अपने खुलासे के लिए हिला चुके हैं,और वर्तमान मुख्यमंत्री से उनकी दोस्ती की भी चर्चा जनता के बीच रहती हैं।

 

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