रुद्रप्रयाग | विशेष संवाददाता:
उत्तराखंड की देवभूमि में जहाँ एक ओर “पहली चाय की दुकान” जैसी पहचानें लोगों के लिए आकर्षण बनी थीं, वहीं अब रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित “अंतिम शराब की दुकान” ने भी अपनी एक अनोखी पहचान बना ली है।
यह दुकान रुद्रप्रयाग-केदारनाथ मार्ग पर स्थित है और इसे “अंतिम शराब की दुकान” इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसके आगे केदारनाथ धाम तक शराब की कोई भी दुकान नहीं है। तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों में यह दुकान अब कौतूहल और चर्चा का विषय बन चुकी है।
जहाँ एक तरफ उत्तराखंड सरकार पर्यटन और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने की बात कर रही है, वहीं इस तरह की दुकानों की मौजूदगी कई सवाल भी खड़े करती है – क्या यह ‘अंतिम शराब की दुकान’ एक व्यावसायिक रणनीति है या देवभूमि की मर्यादा के विपरीत एक विडंबना?
स्थानीय लोग इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ का कहना है कि यह दुकान केवल जरूरतमंदों के लिए है और यात्रियों को तय करना चाहिए कि उन्हें क्या लेना है और क्या नहीं, वहीं कुछ अन्य इसे धार्मिक मार्ग पर अनुचित मानते हैं।

रुद्रप्रयाग की अंतिम शराब की दुकान
सोशल मीडिया पर वायरल
इस दुकान की तस्वीरें और वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिनमें लिखा हुआ है – “रुद्रप्रयाग की अंतिम शराब की दुकान ।” कई लोग इसे ‘देवभूमि की शर्म’ तो कुछ इसे ‘व्यापार की चतुराई’ कह रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी
इस विषय पर अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि ‘अंतिम शराब की दुकान’ अब तीर्थ यात्रा मार्ग की एक अनचाही पहचान बनती जा रही है।
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