दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उनकी इस जीत पर उत्तराखंड व दिल्ली के लोगों में हर्ष की लहर है। मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के अजौली गांव के निवासी बिष्ट ने इस चुनौतीपूर्ण मुस्लिम बहुल सीट पर अपनी मजबूत पकड़ साबित की।
मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र में लगभग 39.5% मुस्लिम मतदाता हैं और यह क्षेत्र 2020 के दिल्ली दंगों से प्रभावित रहा था। इस सीट पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मोहन सिंह बिष्ट इससे पहले भी करावल नगर से 1998 से 2015 तक विधायक रह चुके हैं और 2020 में फिर से इसी क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। अब 2025 में उन्होंने मुस्तफाबाद से जीत दर्ज कर अपनी लोकप्रियता को और मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर क्या बोले मोहन सिंह बिष्ट?
अपनी जीत के बाद जब उनसे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद को लेकर सवाल किया गया, तो मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि “पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे मैं पूरी निष्ठा से निभाऊंगा। भाजपा इस बार 49 से 52 सीटें जीत रही है और 1993 जैसी ऐतिहासिक स्थिति दोहराई जा रही है।”
उत्तराखंड से दिल्ली तक मजबूत राजनीतिक सफर
मोहन सिंह बिष्ट का जन्म 2 जून 1957 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ था। 1976 में वह दिल्ली आए और यहां भाजपा के साथ जुड़कर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। वह दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं और संगठन में भी महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
उनकी इस जीत पर उत्तराखंड व दिल्ली के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने रणनीतिक रूप से उन्हें मुस्लिम बहुल सीट पर उतारा था, जहां उन्होंने सबका साथ, सबका विकास के नारे को साकार करते हुए लोगों का विश्वास जीता।
मुस्तफाबाद में उनकी जीत भाजपा के लिए न केवल एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पार्टी की नीतियां और नेतृत्व जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंच रहा है। उनकी इस शानदार जीत के लिए डेस्क न्यूज पहाड़पन की ओर से हार्दिक बधाई!
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