देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी तैयारियों को धार देते हुए विधानसभा स्तर पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर यह सूची तैयार की गई है, जिसमें सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो-दो पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी तय की गई है।
भाजपा ने इस बार चुनाव प्रबंधन की बागडोर प्रवासी और अनुभवी कार्यकर्ताओं को सौंपी है, जो अपने-अपने क्षेत्र में पार्टी समर्थित उम्मीदवारों के चयन, चुनाव प्रचार और बूथ प्रबंधन से लेकर मतदान तक पूरी प्रक्रिया पर नज़र रखेंगे। पार्टी के अनुसार, ये पर्यवेक्षक प्रधान, बीडीसी, ग्राम पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के सभी स्तरों पर चुनावी रणनीति का हिस्सा होंगे।
भाजपा का यह स्पष्ट मानना है कि पंचायत चुनावों को हल्के में नहीं लिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, “ग्राम स्तर पर संगठन की मजबूती ही भविष्य के बड़े चुनावों की नींव रखती है। इसलिए हमने अनुभवी और समर्पित कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी है।”
पर्यवेक्षक न केवल प्रत्याशियों के चयन में अहम भूमिका निभाएंगे, बल्कि क्षेत्रीय रणनीति तैयार करने, मतदाताओं से संवाद और बूथ प्रबंधन की भी कमान संभालेंगे। पार्टी की इस रणनीति को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, रुद्रपुर, धारचूला, पिथौरागढ़, रामनगर, काशीपुर, खटीमा, अल्मोड़ा, बागेश्वर, डीडीहाट, और अन्य विधानसभा क्षेत्रों के लिए पर्यवेक्षकों की घोषणा हो चुकी है, जो जल्द ही अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम शुरू करेंगे।
भाजपा की इस रणनीतिक पहल से यह साफ है कि पार्टी पंचायत स्तर तक अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है। अब देखना यह होगा कि विपक्ष इस रणनीति का किस प्रकार जवाब देता है।
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