काशीपुर : उत्तराखंड में जल्द ही निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होनी हैं लगभग सप्ताह भर पूर्व युवा नेत्री कुसुम लता बौड़ाई द्वारा नगर निगम काशीपुर में निर्दलीय मेयर प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की थी,जिसके तुरंत बाद ही वह और उनके समर्थक चुनावी रणनीतियों में जुट गए थे।
नामांकन से पूर्व ही पूरी प्रक्रिया को जब बौड़ाई के समर्थकों ने जानने की कोशिश की तो पता चला उत्तराखंड अलग राज्य बनने के बाद उत्तर प्रदेश के नगर निगम अधिनियम 1959 को ही राज्य में लागू किया गया हैं और इस अधिनियम के अनुसार मेयर का चुनाव लड़ने के उम्र सीमा 30 वर्ष होनी चाहिए लेकिन बौड़ाई की उम्र अभी 25 वर्ष दो माह हैं यहीं कारण हैं कि यह अधिनियम में तय उम्र सीमा उन्हें चुनाव लड़ने से रोकती हैं।
आज इस पूरे प्रकरण को लेकर निर्दलीय प्रत्याशी कुसुम लता बौड़ाई उनके चुनाव प्रभारी किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय और शिवराज सिंह रावत द्वारा कुंडेश्वरी रोड स्थित एक निजी प्रतिष्ठान में प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
इस दौरान चुनाव प्रभारी कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि राज्य में नगर निगम अधिनियम को वर्तमान में लागू हैं उसे उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 से लिया गया हैं एवं उसके बाद इसे राज्य में उत्तराखंड(उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959)2002 कहा जाता हैं,उसके बाद एक बार 2007 तो उसके बाद 2021 में संशोधन तो अधिनियम में किए गए लेकिन मेयर प्रत्याशी की उम्र सीमा अधिनियम अनुसार आज भी 30 वर्ष ही हैं जबकि भारत के अन्य कई राज्यों में उम्र सीमा 25 वर्ष हैं एवं कुछ जगह पर 21 वर्षीय मेयर भी बन चुके है उन्होंने कहा यह अधिनियम भारतीय संविधान के नागरिक के समानता,स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन करता हैं क्योंकि इस अधिनियम के अनुसार 30 वर्ष से पहले कोई मेयर चुनाव नहीं लड़ सकता जबकि कई राज्यों में लड़ सकता हैं,मौलिक अधिकार भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता हैं तो वहीं स्वतंत्रता का अधिकार प्रत्येक नागरिक को अपनी राजनीतिक बात रखने और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की स्वतंत्रता प्रदान करता हैं परंतु अधिनियम में तय उम्र सीमा इन अधिकारों की रक्षा नहीं करती।
निर्दलीय मेयर प्रत्याशी कुसुम लता बौड़ाई ने बताया कि इसको लेकर कल ही वह उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगी और न्यायालय के सम्मुख अन्य राज्य के उदाहरण देते हुए राज्य में अधिनियम में मेयर चुनाव की तय उम्र सीमा को कम करने का अनुरोध करेंगी,उन्होंने कहा मेरा समाज और लोग उन्हें चुनाव लड़ाना चाहते हैं और वह स्वयं भी चुनाव लड़ना चाहती हैं परंतु अधिनियम बाधा बना हुआ हैं जबकि वह भी भारत की नागरिक और जहां अन्य राज्य में 25 वर्ष से कम उम्र के मेयर बने हैं वह भी भारत के ही नागरिक हैं उन्होंने कहा राज्य अपना विधान अलग बना सकता हैं लेकिन उससे भारतीय संविधान द्वारा दिए मौलिक अधिकारों का हनन होता हैं तो उसका बदलना जरूरी हैं,बौड़ाई ने कहा कि वह याचिका के माध्यम से कोर्ट से यह भी अनुरोध करेंगी कि याचिका पर अंतिम सुनवाई तक काशीपुर नगर निगम चुनाव में रोक लगाई जाएं।
मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि माननीय न्यायालय ने जल्द याचिका पर सुनवाई की तो ठीक अन्यथा जल्द ही पर्वतीय समाज का दूसरे प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा जायेगा,क्योंकि हम पूर्व में भी कह चुके हैं कि काशीपुर में पर्वतीय समाज के मतदाताओं की निर्णायक भूमिका मेयर चुनने में रहती हैं और चुनाव के बाद जितने वाले जनप्रतिनिधि विमुख पर्वतीय समाज के मतदाताओं से करते हैं,अगला जो प्रत्याशी होगा वह कुसुम लता बौड़ाई के संरक्षण में चुनाव लड़ेगा।
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