उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में समय से नहीं पहुंचती प्रधानाचार्य।

गैरसैण :

पहाड़पन(आवाज पहाड़ों की)टीम इन दिनों गैरसैंण में हैं,इस दौरान लगभग दो माह पूर्व राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में लगी आग के संदर्भ में जब हमारी टीम ने चाहा की प्रधानाचार्य से इस संदर्भ में बयान लिए जाएं और आग लगने के कारण की क्या जांच चल रही है इस संदर्भ में बात की जाए तो नवोदय विद्यालय में लगातार 2 दिन चक्कर काटने में पता चला की प्रधानाचार्य समय से अपने कार्यालय और स्कूल नहीं पहुंचती हैं,वह लगभग दोपहर में स्कूल आती हैं।

इसके लिए पहाड़पन की टीम को किसी साक्ष्यों की आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि 2 दिन से हमारी टीम लगातार स्कूल में चक्कर काट रही हैं और आज जब हमारी टीम ने प्रधानाचार्य का इंतजार 12:00 बजे तक करने के बाद कार्यालय जाना उचित समझा तो कार्यालय में बैठे कर्मचारियों ने बताया कि मैडम या तो स्कूल में होगी या फिर बच्चों का सामान लेने बाजार गई होगी जब हम स्कूल पहुंचे तो प्रधानाचार्य वहां भी हमें नहीं मिली और जब उनसे फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने वही बात दोहरा दी जो कार्यालय में बैठे हुए कर्मचारियों ने पहले ही कह दी थी।

हमें किसी साक्ष्य की आवश्यकता नहीं क्योंकि आप फोटो देखकर खुद ही समझ जाएंगे की उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में अधिकारी किस तरह अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं।

इस खबर को देखने के बाद शिक्षा विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत जी को सोचना चाहिए कि आखिर जिन विभागों की जिम्मेदारी वह संभाल रहे हैं या विद्यालय और छात्र-छात्राओं की जिम्मेदारी जिन प्रधानाचार्य को सौंपी गई है,क्या वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही तरीके से कर भी रहे हैं।

उत्तराखंड की जनता भी देखें यह खास रिपोर्ट सीधा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय गैरसैंण से।

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