उत्तरकाशी आपदा: पत्रकारों की एंट्री पर बैन, क्या सच छिपाने की कोशिश?

उत्तरकाशी आपदा स्थल पर मीडिया प्रतिबंध से उठे सवाल, गंगनानी पुल से आगे पत्रकारों की एंट्री बंद

उत्तरकाशी आपदा स्थल तक पत्रकारों के प्रवेश पर रोक ने पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, गंगनानी पुल से आगे मीडिया कर्मियों को पैदल जाने तक की अनुमति नहीं दी जा रही, जबकि स्थानीय लोगों को जाने दिया जा रहा है।

 

मौके पर मौजूद कुछ पुलिस अधिकारियों ने ऑफ-रिकॉर्ड बातचीत में कहा कि, “स्थानीय जा सकते हैं, आप (पत्रकार) नहीं।” यह बयान प्रशासन के उस रवैये की ओर इशारा करता है जिसमें मीडिया की मौजूदगी से बचने की कोशिश साफ दिखती है।

 

सूत्र बताते हैं कि संबंधित अधिकारियों के फोन लगातार स्विच ऑफ हैं, जिससे ज़मीन पर सूचना का प्रवाह बाधित हो रहा है। इससे यह संदेह और गहराता है कि कहीं सरकार या प्रशासन आपदा की वास्तविक तस्वीर जनता तक पहुंचने से रोकने की कोशिश तो नहीं कर रहा।

 

यदि यह निर्णय वास्तव में सरकार के निर्देश पर लिया गया है, तो विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासन को इस पर आधिकारिक घोषणा करनी चाहिए, ताकि लोकतंत्र में पारदर्शिता के मूल सिद्धांत पर सवाल खड़े न हों।

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