देहरादून।
उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) की महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष संतोष भंडारी के नाम पर बिजली विभाग (UPCL) ने एक माह का ₹2,68,404 का बिल जारी किया है। इस असामान्य बिल को लेकर उन्होंने गंभीर आपत्तियाँ दर्ज की हैं और इसे “उत्पीड़न” करार दिया है।
संतोष भंडारी का कहना है कि—
“बिजली विभाग ने मानो पूरे मोहल्ले का बिल मेरे नाम काट दिया है। पिछले पाँच वर्षों में मैंने मुख्यमंत्री, डीएम, एसएसपी से लेकर एमडीडीए तक कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन भ्रष्ट तंत्र का शिकार मैं ही बन रही हूँ। जबकि मेरे सामने भाजपा नेता अरविंद पांडे के फ्लैट में बिजली कनेक्शन तक नहीं है। यह वसूली की कार्यप्रणाली का हिस्सा प्रतीत होता है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उक्रांद के उपाध्यक्ष अशुतोष नेगी ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि—
“विद्युत विभाग राज्य सरकार के अधीन है। इस तरह के भारी-भरकम बिल भेजना कहीं न कहीं विपक्षी नेताओं को दबाने का तरीका लगता है। मुख्यमंत्री को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।”
फिलहाल इस बिल को लेकर स्थानीय स्तर पर चर्चा तेज है। संबंधित विभाग की ओर से अब तक आधिकारिक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है।
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