डोईवाला (देहरादून)। अठूरवाला क्षेत्र में स्टेट हाईवे के समीप खोले जा रहे शराब के ठेके के खिलाफ स्थानीय जनता का विरोध अब और तेज हो गया है। अठूरवाल संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन की कमान महिलाओं ने संभाल रखी है। पिछले पांच दिनों से महिलाएं और युवा धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
रविवार को मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने धरनास्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “जनता की बजाय सरकार शराब माफियाओं के साथ खड़ी है। गांव-गांव में शराब की दुकानें खोलकर युवा पीढ़ी को बर्बादी की ओर धकेला जा रहा है। अगर अठूरवाला में शराब का ठेका खोला गया तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।”
संघर्ष समिति के अध्यक्ष करतार नेगी ने बताया कि जिस स्थान पर ठेका खोला जा रहा है, वहां कुलदेवता का मंदिर स्थित है और यह धार्मिक आस्था का केंद्र है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ठेका न हटाया गया तो राजमार्ग पर चक्काजाम किया जाएगा।
विरोध में शामिल स्थानीय महिलाएं—शीला देवी, सुशीला देवी, आशा देवी, आशा सजवाण, विमला देवी और राजेश्वरी सजवाण ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाय नशे के दलदल में झोंक रही है। टिहरी से विस्थापित होकर यहां बसे लोग पहले ही तमाम दिक्कतें झेल रहे हैं, अब शराब के ठेके से उनकी परेशानियाँ और बढ़ जाएंगी।
आक्रोशित जनता ने ऐलान किया है कि यदि प्रशासन ने जल्द संज्ञान नहीं लिया तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
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