धुमाकोट, 15 जून — धुमाकोट क्षेत्र में आयोजित महाकौथिग का आज तीसरा और अंतिम दिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। लगातार बारिश के बावजूद लोगों का उत्साह थमने का नाम नहीं ले रहा था। दोपहर 12 बजे के बाद जैसे ही धूप निकली, कार्यक्रम ने फिर रफ्तार पकड़ी और सांस्कृतिक उत्सव पूरे रंग में दिखा।
कार्यक्रम में लोकनृत्य, पारंपरिक व्यंजन, और लोकगायकों की आकर्षक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। हर प्रस्तुति पर तालियों की गूंज सुनाई दी और मंच पर लोकसंस्कृति की जीवंत झलक देखने को मिली।
इस आयोजन में सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए गए, जिनमें पलासी गांव ने सबसे अधिक पुरस्कार जीतकर अपनी प्रतिभा और सांस्कृतिक समर्पण का परिचय दिया। गांव की टीमों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए आयोजन में अपनी खास पहचान बनाई।
लगातार चौथे वर्ष आयोजित हो रहे इस महाकौथिग का आयोजन सहयोग ट्री फाउंडेशन द्वारा किया गया। फाउंडेशन के कुलदीप रावत ने कहा —
“ऐसे आयोजनों से हमारी आने वाली पीढ़ी अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ती है। यह केवल उत्सव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का माध्यम है।”
धुमाकोट महाकौथिग न सिर्फ एक कार्यक्रम रहा, बल्कि सांस्कृतिक एकता, पारंपरिक गौरव और स्थानीय प्रतिभाओं के सम्मान का प्रतीक बनकर उभरा।
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