देहरादून, 15 अप्रैल 2025 –
उत्तराखंड में बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी को लेकर आज मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने देहरादून में बिजली नियामक आयोग के बाहर जोरदार विरोध दर्ज कराया। समिति के कार्यकर्ताओं ने आयोग को एक ज्ञापन सौंपते हुए इस बढ़ोतरी को जनविरोधी फैसला बताया और चेतावनी दी कि यदि प्रस्तावित वृद्धि को तुरंत वापस नहीं लिया गया तो राज्यव्यापी जन आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने कहा,
“हमारे जल, जंगल और जमीन से जो बिजली पैदा होती है, वही हमारे लिए दुर्लभ और महंगी बना दी गई है। यह उत्तराखंड के हित में नहीं है, और अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
वहीं संयोजक लुशुन टोडरिया ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा,
“जिस उत्तराखंड ने देश को जलविद्युत संपदा दी, वही प्रदेश आज सबसे महंगी बिजली झेलने को मजबूर है। प्रदेश की जनता पर बार-बार बिजली दरों का बोझ डालना सरासर अन्याय है।”
ज्ञापन सौंपने के दौरान केंद्रीय सचिव मनोज कोठियाल, विपिन नेगी, राजेश भट्ट, सुदेश कुमार सहित समिति के कई सदस्य और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
समिति ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि प्रस्तावित बिजली दर वृद्धि को तुरंत रद्द किया जाए और उत्तराखंड के स्थायी निवासियों को ऊर्जा प्रदेश के नाते विशेष दरों पर बिजली उपलब्ध करवाई जाए।
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